The smart Trick of sidh kunjika That Nobody is Discussing
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः
गोपनीयं प्रयत्नेन स्वयोनिरिव पार्वति।
पाठमात्रेण संसिद्ध्येत् कुञ्जिकास्तोत्रमुत्तमम् ॥ ४ ॥
श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)
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देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तर शतनामावलिः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः
इस पाठ के करने से अष्टसिद्धियां प्राप्त होती हैं.
अगर किसी विशेष मनोकामना पूर्ति के लिए सिद्ध कुंजिका स्तोत्र कर रहे हैं तो हाथ में जल, फूल और अक्षत लेकर जितने पाठ एक दिन में कर सकते हैं उसका संकल्प लें.
श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि
मनचाहा फल पाने के लिए ये पाठ कर रहे हैं तो ब्रह्मचर्य का पालन करें. देवी की पूजा में पवित्रता बहुत मायने रखती है.
देवी माहात्म्यं अपराध क्षमापणा स्तोत्रम्
ग्रहों के अशुभ प्रभाव खत्म हो जाते हैं. धन more info लाभ, विद्या अर्जन, शत्रु पर विजय, नौकरी में पदोन्नति, अच्छी सेहत, कर्ज से मुक्ति, यश-बल में बढ़ोत्तरी की इच्छा पूर्ण होती है.